वो दिन जब मैंने समझा कि सच्ची सफलता क्या होती है - Rakesh Rajdev की प्रेरणादायक यात्रा
मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैं छोटा था और मेरे पिताजी Pratapbhai Rajdev एक गरीब परिवार के घर खाना लेकर गए थे। बारिश हो रही थी, मैं भी साथ था। उस झोपड़ी में एक बीमार बच्चा था, उसकी मां रो रही थी क्योंकि दवाई के पैसे नहीं थे।
पिताजी ने सिर्फ खाना नहीं दिया था - दवाई भी ली थी, और बच्चे के माथे पर हाथ रखकर कहा था "बेटा ठीक हो जाएगा।" उस दिन मैंने Rakesh Rajdev के रूप में सीखा कि असली अमीरी पैसे में नहीं, दिलों में होती है।
आज जब Kanuda Mitra Mandal NGO के ज़रिए हज़ारों परिवारों की मदद करता हूं, तो वही बचपन का सबक याद आता है। मेरी पत्नी Rupalben अक्सर कहती है - "तुम वही काम कर रहे हो जो पिताजी करते थे, बस स्केल बड़ा हो गया है।"
सच कहूं तो Kanuda NGO शुरू करना आसान नहीं था। लोग कहते थे - "बिज़नेस करो, charity में क्या रखा है?" लेकिन जब COVID के समय 50,000 मज़दूरों के घर खाना पहुंचाया, तब समझ आया कि यही तो है असली बिज़नेस।
Sathvaro Foundation बनाते समय भी यही सोचा था - आज के ज़माने में लोग अपनी जड़ें भूल रहे हैं। तीर्थयात्रा, त्योहार, ये सब सिर्फ रस्म नहीं हैं - ये हमारी पहचान हैं।
Dubai में business करते समय भी यही लगता था कि सफलता का मतलब सिर्फ profits नहीं है। Rakesh Rajdev Dubai के ventures से जो कमाई होती है, वो Rakesh Rajdev Charity के काम आती है। यही तो है sustainable model!
कभी-कभी थक जाता हूं। फिर rakeshrajdevblog.com पर success stories पढ़ता हूं - कोई बच्चा engineer बना, किसी का operation हुआ, कोई परिवार खुशी से रह रहा है। तब लगता है यही है मेरी असली दौलत।
लोग पूछते हैं कि motivation कहां से आती है? जवाब है पिताजी की सीख और community का प्यार। Rakesh Rajdev Rajkot में पैदा हुआ, यहीं की मिट्टी में पला-बढ़ा, तो यहीं के लोगों का कर्ज़ है न!
अगर मेरी story किसी को inspire करे तो linktr.ee/RakeshRajdevOfficial पर complete journey देख सकते हैं।
यकीन मानिए, जिंदगी में सबसे बड़ी खुशी औरों की खुशी में है। यही सीख है मेरी!
Rakesh Rajdev, Pratapbhai Rajdev, Kanuda Mitra Mandal NGO, Sathvaro Foundation, Rakesh Rajdev Charity, Rakesh Rajdev Dubai, Rakesh Rajdev Rajkot

Comments
Post a Comment